Monday, July 28, 2014

अधूरापन Hindi Poem by Alok Mishra: Adhurapan poem in Hindi

अधूरापन

ना चाहते भी बढ़ जाते हैं कदम पुरानी राहों पे
जहाँ बस बाकी हैं कुछ तो कदमों के निशान
जो बने थे किसी पुराने इन्सान के गुजरने से...
ना चाहते भी रोक लेता हूँ हथेलियों पे
रेत की कणों को बिखरने से
ताकि कुछ तो बचा रहे जो बस अपना है,
वर्ना क्या है इस ज़माने में?

पूरी ज़िन्दगी ही तो बस एक सपना है... 

Sunday, July 27, 2014

Badlon se upar... Hindi Poem by Alok Mishra बादलों से ऊपर ...

बादलों के ऊपर भी है एक जहान
वहां भी है किसीका आशियाँ
दूर इन ग़मों से संसार के
बसते हैं कुछ लोग वहां...
पूछूं मैं उनसे अगर मिलें वो कभी,
पर हमारी ऐसी तक़दीर कहाँ?
सागर की लहर के जैसे आना
और बस वैसे ही चले जाना
समेटे सारे खुशियों और ग़मों को...

यहीं जमीं पर है हमारा आशियाँ....


Saturday, July 26, 2014

Uljhan: Hindi Poem by Alok Mishra उलझन

उलझन


सँजोऊ इतिहास को.
सवांरू भविष्य को
या फिर देखूं
वर्तमान को जो लेता है
भूखे बीच चौराहे पे
कि शायद फुर्सत हो
किसि सपने को जागने का
अतीत कि अंधी यादों से
या भविष्य कि अँधेरी गलियों से ...

आह! ये वर्तमान तो बेचारा
पिस्ता रहता है कल और कल
कि अमरणशील द्वन्द में!
ना ये अतीत में दुबकी लेगा
ना हि देखेगा भविष्य को|

चंद सपने कल के
चंद यादें कल कि,
जाने कहाँ है अस्तित्व आज का?


Saturday, 17 May 2014

Friday, July 25, 2014

Hindi Poem: जाने अनजाने Jane Anjane by Alok Mishra

जाने अनजाने

बयां किया हमने
और वक्त ने कहानी लिख दी,
आया तूफान सागर कि गहराई में
और लहरों ने रवानी लिख दी,
खोते गए हम दुनिया में बर्बादी के
और नशे ने पूरी जवानी लिख दी...

दो घूंट चढाके अब और तब
काटा दिनों को हमने,
कहा गम भूलना है आशिकी का
और खुदको भुला दिया गम ने!

वो रंग शराब का
धुआं वो नशे में डूबा,
वो लाल सी आँखें जागती सी
जिसने देखा ना था नींद का अजूबा|

आते जाते रहे जिंदगी में आशिकी के मौके,
फिर गम भूलाना तो एक बहाना था
हमें तो वो शराब कि शीशी को ही
सिने से लगाना था...

और आज चलते हैं हम सिकवा लिये
जिंदगी से, कि कभी किसीने ना रोका मुझे|
उतारते रहे जहर हम आगोश में
कि कभी किसी ने ना टोका मुझे...

(हमने कभी मौका ही ना दिया किसीको
अपने करीब आने का,
पर आज गम है हमें
ग़मों के साथ जाने का,
येहमहमें ना समझना
पूरी दुनियाहमहै,
गम तो मिलते बहुत हैं पर
गम में जीना गम है...)
A. M

Sunday, 22 June 2014